कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हिंसा के 25 घंटे बाद चुनाव आयोग ने बुधवार रात दो बड़े फैसले लिए। आयोग ने पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों पर तय समय से 19 घंटे पहले यानि कि गुरुवार रात 10 बजे से ही चुनाव प्रचार बंद करने का आदेश दिया। वहीं आयोग ने अधिकारियों का पर भी कार्रवाई की। आयोग ने बंगाल के प्रधान सचिव(गृह) अत्रि भट्टाचार्य को पद से हटाया और सीआईडी के एडीजी राजीव कुमार को भी उनके पद से हटा दिया। ये अधिकारी ममता बनर्जी के 'खास' बताए जाते हैं। अफसरों पर गाज गिरने के बाद ममता बनर्जी भड़क गईं और चुनाव आयोग को खूब खरी-खोटी सुनाई।
फैसले का कारण: उप चुनाव आयुक्त की रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के प्रभारी उप चुनाव आयुक्त ने 13 मई को हालात का जायजा लिया था। उन्होंने रिपोर्ट सौंपी कि चुनाव की तैयारियां तो आयोग के मुताबिक चल रही हैं, लेकिन सभी प्रत्याशियों को प्रचार के लिए बराबर और मतदाताओं को भयमुक्त माहौल देने की बात आती है तो जिला प्रशासन और पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा। ऐसे में चुनाव अफसरों और लोगों में भय का माहौल है। आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 में मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए प्रचार की समय सीमा कम कर दी।
चहेते अफसरों पर कार्रवाई के बाद आयोग पर यूं भड़कीं ममता
चुनाव आयोग के फैसले के बाद ममता बनर्जी भड़क गईं। उन्होंने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि आयोग पीएम मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा है। अन्याय अमित शाह ने किया और सजा हमें मिली है। प्रचार का समय घटाने का फैसला चुनाव आयोग का नहीं बल्कि मोदी का है। मोदी ने मूर्ति तोड़ने की निंदा भी नहीं की।
ममता ने कहा- आज अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की, चुनाव आयोग को धमकाया, क्या ये उसका नतीजा है? बंगाल भयभीत नहीं है। बंगाल को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं मोदी के खिलाफ बोल रही हूं। ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। ये अप्रत्याशित फैसला है।
राजीव कुमार के लिए धरने पर बैठ गई थीं ममता
राजीव कुमार सीआईडी के एडीजी हैं। इससे पहले वह कोलकाता पुलिस कमिश्नर थे। ये वही राजीव कुमार हैं, जिनके घर सीबीआई टीम छापेमारी करने पहुंची थी और सियासी भूचाल मच गया था। छापेमारी करने गए सीबीआई के अधिकारियों को कोलकाता पुलिस थाने लेकर चली गई थी और सीएम ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं।बाद में सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने और अदालत के आदेश के बाद मामला थोड़ा सुलझा और राजीव कुमार को कमिश्नर पद से हटाया गया। हालांकि उनकी नियुक्ति सीआईडी में एडीजी के बतौर कर दी गई। अब एक बार फिर चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को सीआईडी पद से ही हटा दिया है और वापस उन्हें केंद्र सरकार के अधीन गृह मंत्रालय भेज दिया है।
अत्रि पर थी राज्य कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी
आयोग ने गृह प्रधान सचिव अत्रि भट्टाचार्य को छुट्टी पर भेजा गया है। अत्रि ममता सरकार में बड़ी हैसियत रखते हैं, कारण कि बंगाल की कानून व्यवस्था का पूरा जिम्मा उनके ऊपर है। चुनाव के पहले चरण से लेकर छठे चरण तक राज्य में हिंसा होती आ रही हैं और ऐसे में कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है।
भाजपा आरोप लगाती रही है कि ममता बनर्जी के इशारे पर चुनाव के दौरान हिंसा हो रही है। ऐसे में अब चुनाव आयोग की तरफ से भट्टाचार्य को हटाए जाने के बाद ममता आयोग पर गरम हो गईं और इसे पीएम मोदी और शाह के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया है।