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Wednesday, May 8, 2019

अन्नदाता की समस्याओं का जो करे उद्धार ऐसी हो सरकार

 अहरौरा (मीरजापुर) : देश का अन्नदाता भी अब अपनी आवाज मुखर करने लगा है। उसकी चाहत ऐसी सरकार की है जो उनकी समस्याओें का समाधान करने तथा युवाओं को रोजगार देने वाली हो। भले ही किसानों की भाषा, संस्कृति व संस्कार अलग-अलग हों लेकिन उनकी सोच देश के लिए एक ही होता है। 'सबका साथ सबका विकास' की सोच वाली सरकार गरीब, मजलूम तथा व्यापारी व किसानों के अलावा देश के सम्मान के बारे में सोचे। आज चौपाल में अहरौरा के सोनपुर गांव स्थित सिद्धनाथ सिंह के आवास पर आयोजित की गई।


किसानों ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही उनके लिए सदन में आवाज उठाते हैं। आज तक सरकार द्वारा सिर्फ किसानों को झूठा लालीपाप दिखाकर उन्हें गुमराह किया जा रहा है। यही कारण है कि किसानों के उत्थान के लिए 2001 में आई स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को 18 वर्षों बाद भी किसी सरकार ने लागू नहीं किया। जिससे किसान आज भी बदहाली और भूखमरी का शिकार हो रहे हैं और आत्महत्या करने को विवश हो रहे हैं। लोगों ने कहा कि वे इस आम चुनाव में ऐसी सरकार चाहते हैं जो राष्ट्र की सुरक्षा के साथ ही कृषि संबंधित समस्याओं का निराकरण करने वाली हो। यही नहीं, किसानों को उसकी उपज का समुचित मूल्य दिलाने के साथ ही बिचौलियों से निजात दिलाने वाली हो। इस दौरान किसानों ने विकास क्षेत्र में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों के बारे में खुलकर अपनी बातों को रखा।


 

--------------------------------- बोले किसान


पूरे देश के लिए राष्ट्रीय कृषि नीति बननी चाहिए और उस पर अमल होना चाहिए। किसान आयोग का गठन कर किसानों के उत्थान के लिए कार्य किया जाए। कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए तभी किसानों का भला होगा।


किसान सिद्धनाथ सिंह।


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आज खाद का मूल्य भी बढ़ गया है और वजन में खाद कम मिल रहा है जिससे किसानों पर मंहगाई का दोहरा बोझ झेलना पड़ रहा है और उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा जिससे किसान परेशान है।


बचाऊ प्रजापति।


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किसान जितना मेहनत खेत में करता है, गर्मी, सर्दी, बरसात की परवाह किए बगैर अपनी फसल की रखवाली करता है लेकिन फसल पैदा होने पर उसके उपज का भाव सरकार तय करती है और क्रय केंद्र पर धान गेहूं बेचे जाने के बाद किसान रुपये के लिए चक्कर लगाता है यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए।


अमर नाथ प्रजापति।


-------------------------------- सोनपुर गांव में आजादी के सत्तर साल बाद भी जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा का शिकार है यही कारण है कि चारो तरफ से पहाड़ों से घिरे इस गांव में सिचाई की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है और यहां का किसान भगवान भरोसे खेती करता है।


सुमन विश्वकर्मा।


----------------------------------- किसानों को खेती के लिए ब्याज मुक्त कर्ज मिलना चाहिए और कृषि उपकरणों के लिए भी किसानों को ब्याज मुक्त ऋण सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए ताकि युवा वर्ग कृषि कार्य में रुचि ले और खेती करे।


उदल प्रजापति।


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किसानों को समय-समय पर गांव-गांव में कैंप लगाकर नई तकनीक की जानकारी दिया जाना चाहिए और किसानों को उन्नतशील बीज मुक्त में सहकारी समितियों से मिलने चाहिए।


दिनेश सिंह।


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राष्ट्रीय मुद्दे


1- कृषि नीति लागू हो।


2. किसान आयोग का गठन हो।


3. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।


4. किसानों की उर्वरक एवं बीज पर पर्याप्त सब्सिडी मिले।


5. कृषि उपकरण ब्याज मुक्त मिले।


6. किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज मिले।


----------------- स्थानीय मुद्दे


1. सोनपुर गांव में सिचाई की सुविधा के लिए सोनपुर माइनर का कार्य पूर्ण किया जाए।


2. नहरों की प्रति वर्ष सफाई कराया जाए ताकि टेल तक पानी पहुंच सके।


3. जरगो जलाशय को हुसेनपुर बीयर से बाण सागर परियोजना के तहत जोड़ दिया जाए।


4. हाई लेवल फीडर का मरम्मत कराया जाए।


5. जर्जर एवं टूटी नहरों को ठीक किया जाए।


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