बॉलीवुड में एक्शन को नए आयाम तक पहुंचाने वाले वीरू देवगन ने आज (सोमवार) आखिरी सांस ली। अजय देवगन के पिता वीरू देवगन ने 1967 में फिल्म 'अनीता' से बतौर स्टंटमैन बॉलीवुड में डेब्यू किया था। वह पंजाब के अमृतसर के रहने वाले थे और पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और मुंबई के सांताक्रुज हॉस्पिटल में एडमिट थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीरू का निधन हार्ट अटैक से हुआ है। वीरू देवगन का अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई के विले पार्ले में 6 बजे होगा।
वीरू देवगन ने हिंदी सिनेमाजगत में करीब 80 से ज्यादा फिल्मों में एक्शन सीन डायरेक्ट किए हैं। एक्शन सीन डायरेक्ट करने के अलावा वीरू देवगन ने साल 1999 में 'हिंदुस्तान की कसम' फिल्म को डायरेक्ट भी किया। वीरू देवगन ने 'आज का अर्जुन', 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', 'विजय पथ', 'दिलजले', 'एक ही रास्ता', 'प्रेम रोग', 'आखिरी रास्ता', 'सोने पे सुहागा', 'खून भरी मांग' जैसी कई फिल्मों के स्टंट सीन डायरेक्ट किए हैं। बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि वीरू देवगन स्टंट सीन डायरेक्ट करने के अलावा एक्टर, प्रोड्यूसर और असिस्टेंट डायरेक्टर के फील्ड में भी काम किया।
वीरू देवगन ने बतौर एक्टर महज तीन फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में 'क्रांति', 'सौरभ' और 'सिंहासन' शामिल हैं। वहीं 'हिंदुस्तान की कसम', 'दिल क्या करे' और 'सिंहासन' फिल्म को प्रोड्यूस किया। इसके साथ ही 'विश्वात्मा' और 'मेरा पति सिर्फ मेरा है' फिल्म में बतौर असिस्टेंट डायरेक्ट काम किया। इसके साथ ही बेटे अजय देवगन की फिल्म 'जिगर' जो कि साल 1992 में रिलीज हुई थी उसके राइटर भी थे।
मुंबई के कोलीवाड़ा में रहने के दौरान वीरू ने हीरो बनने के लिए काफी स्ट्रगल किया। इस दौरान उन्होंने कई स्टूडियोज के चक्कर लगाए। पैसा कमाने के लिए लोगों की गाड़ियां भी साफ कीं, कारपेंटर की नौकरी भी की। बावजूद इतनी मेहनत के वीरू को बतौर एक्टर सफलता नहीं मिल पाई।
बताया जाता है कि एक दिन थक हारकर शीशा देखते हुए वीरू ने खुद से कहा था कि मेरी शक्ल हीरो वाली नहीं है। लेकिन मेरा बेटा जरूर हीरो बनेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीरू को पब्लिक इवेंट्स और पार्टीज में जाना ज्यादा पसंद नहीं था। जानकारी के मुताबिक उन्हें पब्लिक में आखिरी बार फरवरी 2019 में अजय देवगन की फिल्म 'टोटल धमाल' की स्क्रीनिंग के मौके पर देखा गया था।
अजय देवगन के पिता वीरू देवगन जेल भी जा चुके हैं। दरअसल, पहली बार जब मुंबई आने का सपना वीरू देवगन से देखा था तो बिना ट्रेन का टिकट लिए ही वो ट्रेन में चढ़ गए। हालांकि विरार रेलवे स्टेशन पर उन्हें पकड़ लिया गया। जिसके बाद जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। वहां मजिस्ट्रेट ने उनसे कहा कि अगर फाइन के पैसे जमा नहीं किए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। तंगी के उन हालातों में उनके पास फाइन के पैसे नहीं थे जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ गया था।