प्राइवेट स्कूलों पर कार्यवाही क्यों नही होती इसके लिए थोड़ा से गणित को समझना पड़ेगा-
*एक स्कूल*
*5000 बच्चे*
*एक बच्चे की किताबें रुपये 3000/-*
*5000 बच्चों की किताबें - 5000 X 3000 =1,50,000,00 (एक करोड़ पचास लाख रुपये की।)*
*किताबों से स्कूल को कमीशन 50%=7500000 (पचहत्तर लाख)*
*अब पचहत्तर लाख एक स्कूल को मिलने के बाद कोन कार्यबाही करेगा।*
रेत से भी बड़ा खेल है।
चांदी की जूती के आगे सब नतमस्तक। कुछ धनाढ्यों के स्कूल तो किताबें कॉपियां सब कुछ स्वयं बेंचते है। बड़े लोग जो ठहरे।
*बैसे भी खेल 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक होता है। अब खेल खत्म । पैसा हजम।*
इस डकैती को अब अब केबल कलेक्टर स्कूल में छापा डालकर बच्चों की किताबों को चेक कर इसे पकड़ सकते है क्योंकि अन्य इसे नही पकड़ सकते | प्रत्येक स्कूल में प्रत्येक कक्षा का एक बस्ता अलग से अधिकारियों की जांच हेतु बना लिया जाता है। जिसमे निर्धारित किताबें ही होती है । जांचकर्ता काजू किशमिश खाकर .....जांच कर आता है।
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Monday, April 15, 2019
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प्राइवेट स्कूलों पर कार्यवाही क्यों नहीं इसमें शासन सत्ता को फायदा आइए समझे
प्राइवेट स्कूलों पर कार्यवाही क्यों नहीं इसमें शासन सत्ता को फायदा आइए समझे
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