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Tuesday, April 16, 2019

लखनऊ (उत्तर प्रदेश )UPPCL के बड़ेबाबू मौज मे


नेताओ का शटर डाउन
लो होगयी शुरुवात
लखनऊ 16 अप्रैल संगठन के नाम पर UPPCL मे अलग-अलग इकाई बनाकर अभियंताओ और कर्मचारियो की समस्या पर बड़ी-बड़ी कसमे खाने वाले निजीकरण के नाम पर सड़को पर दम भरने वाले नेताओ और कर्मचारियो के लिये बुरी खबर है कि शक्तिभवन मे बैठे बड़ेबाबू UPPCL के डिस्कमो की व्यवस्था निजी कंपनियों को सुनियोजित तरीके से सौपना शुरू कर दिया है पहले उपभोक्ताओं के विधुत मीटर रीडिंग, विधुत बिलों के भुगतान जमकरने और अब विधुत बिजली घरो का परिचालन यह सारी व्यवस्था निजी कम्पनियो के हाथो मे देने के फैसले पर UPPCL के बड़ेबाबू अपनी तुगलकी फरमान जारी करते हुए उस पर मोहर भी लगा दी है और विभागीय संगठन पूरी तरह खामोश नजर आ रहा है जिसका मुख्यकारण नेताओ द्वारा अफसरान की गणेश परिक्रमा और स्वार्थ सिद्धि की राजनीति है
*UPPCL द्वारा मजदूर दिवस के दिन हजारो मजदूर से छीने जा रही हैं रोटी*
खबर है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और मध्याचल विद्युत वितरण निगम मे बीजली उपकेंद्रों के संचालन और लाइनों के आपरेशन के लिए ठेके पर संविदा कर्मियों की सप्लाई पर रोक लगा दी है यानी मैनपावर और यह व्यवस्था पहली बार निजी कंपनी को बिजली उपकेंद्रों के आपरेशन का जिम्मा सौपा दिया है यह फैसला UPPCL के अनुभवहीन एवं अवैधरूप से नियुक्त चेयरमैन की अध्यक्षता मे गठित कमेटी की संस्तुति के बाद प्राइम वन कम्पनी एक मई से प्रयागराज और वाराणसी के साथ-साथ लखनऊ के 5 सर्किलो के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों मे उन्नाओ सुलतानपुर फैजाबाद के क्षेत्र भी निजी हाथो मे जा रहे है सूत्र यहाँ तक बताते हैं कि चुनाओं की आड़ लेकर निजीकरण का काम बड़े बाबू लोग कर देगे और इस दौरान धरना-प्रदर्शन पर रोक लगी होंने के कारण इनको पूरा मौका मिल गया है आचार संहिता का उल्लंघन तो यह रोज ही कर रहे हैं रोज किसी ना किसी बहाने से अवैध रूप से नियुक्त चेयरमैन और उनके सहयोगी आईएएस विडियो कांफ्रेंसिग के जरिए भी मीटिंग कर के केन्द्रीय योजनाओं की समीक्षा करते है और अभियन्ताओ को डरा धमका कर अपनी मनमानी कराते है जैसे कि जूनियर इंजीनियर की जिम्मेदारी वाला काम अगर ग़लत हो तो चेयरमैन जो कि खुद अवैध रूप से नियुक्त है उस कार्य मे बरती गई अनियमितता का दोष सीधे मुख्य अभियन्ता और अधिक्षण अभियन्ता को दे देते है क्या यह गलत नहीं है और देखियेगा कि धीरे-धीरे व सुनियोजित तरीके से जैसे मीटर रीडिंग का काम , बिजली का बिल जमा करने का काम आफिस में होने वाले कामों के लिए जैसे संविदा कर्मचारी रखें गये उसी तरह से यह सप्लाई और अनुरक्षण का काम भी निजी हाथो मे धीरे-धीरे सुनियोजित रूप से चला गया ना तो किसी नेता जी को दिखाई दे रहा । इसी तरह की आड़ मे परिचालन का काम करनेवाले संभालेगी इस नयी व्यवस्था को प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ के 5 सर्किल उन्नाओ सुलतानपुर फैजाबाद मे तैनात हजारो संविदा कर्मी प्रभावित होंगे पर UPPCL के इस निर्णय को लागू करने के लिये हिटलर चेयरमैन ने मजदूर अधिकार दिवस का दिन चयनित कर लम्बे समय से विभाग में ईमानदारी के साथ काम कर रहे संविदा कर्मियो के हाथ काम छीन कर इनके सामने रोजी रोटी का सवाल खड़ा कर दिया है और अपने आकाओ को खुश कर दिया है ताकि जब पूर्णतः निजी करण हो तो पुराने अनुभवी जो कि संविदा पर नियुक्ति हो चुके होगे व्यवस्था निजी कम्पनीयो के साथ मिल कर देखे और निजी करण का विरोध कर रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को कुचला जा सके क्यो कि नेता तो पहले से ही बिक चुके होंगे किसी को विधानसभा में सीट मिल गयी होगी और कोई तो पहले से ही OSD बनाकर मुँह पर चाँदी का ताला मारा जा चुका होगा और कोई बलिदानी जत्था ले कर आयेगा तो पुलिस के जरिए कुचल जायेगा और जो चाय पकौडे बेचेगा तो उसको भी पकौडा बना दिया जायेगा । खैर मेरा क्या जाता है मुझें तो घोटाले और भ्रष्टाचार की लडाई लडनी है वो तो उस समय भी जारी रहेगी ।      संपादक अरविंद भट्टाचार्य स्थानीय हलचल


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