सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार और चुनाव आयोग (ईसी) पर शीर्ष अदालत के 25 सितंबर, 2018 को दिए आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया था। बता दें कि पिछले साल सितंबर में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से पहले आयोग के सामने अपना पूरा आपराधिक ब्योरा जमा कराने को कहा था। साथ ही आयोग को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए उन उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का प्रचार करने के आदेश दिए गए थे।
याचिकाकर्ता वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने शीर्ष अदालत में इस निर्णय की अवमानना किए जाने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस संजीव खन्ना की मौजूदगी वाली पीठ ने इस याचिका पर 14 मार्च को उचित पीठ में सुनवाई किए जाने का आदेश जारी किया। साथ ही याचिका की एक प्रति चुनाव आयोग के सचिव को भेजकर उन्हें अगली सुनवाई पर अपना पक्ष उचित पीठ के सामने रखने के लिए पेश होने के आदेश की जानकारी दिए जाने को कहा।
बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले साल 10 अक्तूबर को शीर्ष अदालत के आदेश पर फॉर्म-26 में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी थी और राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों को आपराधिक इतिहास के प्रकाशन के निर्देश दिए थे। लेकिन याचिकाकर्ता का आरोप है कि आयोग ने इलेक्शन सिंबल ऑर्डर-1968 और आदर्श आचार संहिता में इससे जुड़े संशोधन नहीं किए हैं, जिससे इस अधिसूचना का कोई कानूनी आधार नहीं है।